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“असतो मा सद्गमय"

डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद महिलाओं ने खाई सेक्स न करने कसमें..शुरू हुआ B4 Movement जाने क्या है पूरा मामला!

Byjanjankikhabar.com

Nov 12, 2024
Protest against donald trump

डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद महिलाओं ने खाई सेक्स न करने कसमें…शुरू हुआ B4 Movement जाने क्या है पूरा मामला!

BE Movement

ट्रंप के चुनाव जीतने पर महिलाओं द्वारा अमेरिका के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है क्योंकि अमेरिकन महिलाएं ट्रंप को महिला विरोधी मानसिकता का बता रही हैं।गौरतलब है कि चुनाव के दौरान कमला हैरिस जो डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार थी उन्होंने इस मुद्दे को बखूबी तरीके उठाया था इसको लेकर अमेरिका में भी 4 B movement शुरू हो गया है।

BE Movement एक ऐसा आंदोलन जिसमें महिलाएं पुरुषों के साथ डेटिंग, सेक्स, बच्चे पैदा करने और विवाह से नहीं करना चाहती हैं। यह दक्षिण कोरिया शुरू हुआ आंदोलन है जिसका प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है।

4B आंदोलन महत्वपूर्ण तथ्य-

कथित तौर पर यह आंदोलन 2019 में दक्षिण कोरिया में शुरू हुआ।
कोरियाई भाषा में B का अर्थ होता है- ‘नहीं’ (No). 4B नाम, B से शुरू होने वाले 4 शब्दों से बना है. वो शब्द हैं- बिहोन(Bihon) यानी विषमलैंगिक विवाह नहीं, बिचुलसन(Bichulsan) यानी कोई संतान नहीं, बियोनाए(Biyeonae) यानी कोई डेटिंग नहीं और बिसेकसेउ(Bisekseu) यानी कोई विषमलैंगिक यौन संबंध नहीं।

BE movement

हेलेन कॉफ़ी ने द इंडिपेंडेंट अखबार में लिखा है कि 4B आंदोलन “एक ग्रीक नाटक की तरह लगता है”, “जब महिलाएं सेक्स स्ट्राइक करके पेलोपोनेसियन युद्ध को समाप्त करने के लिए आंदोलन करती हैं लेकिन यह 21वीं सदी में भी घटित हो रहा है।

साउथ कोरिया में BE Movement

B4 Movement, मी टू और “एस्केप द कॉर्सेट” आंदोलन के तर्ज पर है।जिसमें महिलाओं ने यौन, सामाजिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न से खुद को मुक्त करने का आह्वान किया गया था।बताया जाता है कि दक्षिण कोरियाई समाज में पुरुषों की हिंसा से महिलाएं तंग आ चुकी हैं। 2018 की एक रिपोर्ट बताती है कि बीते नौ सालों में दक्षिण कोरिया में कम से कम 824 महिलाओं की हत्या कर दी गई और 602 महिलाओं के साथ उनके पार्टनर ही हिंसा कर रहे हैं।
दक्षिण कोरिया में जीवनशैली और लैंगिक समानता के मुद्दे बहुत गंभीर हैं। 2016 के एक सर्वेक्षण के अनुसार, देश में महिला-पुरुषों की हिंसा की घटना दर 41.5% है, जो वैश्विक औसत 30% से अधिक है। साथ ही, दक्षिण कोरिया में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कम वेतन मिलता है जहां महिलाएं पुरुषों की तुलना में 31% कम वेतन पाती हैं।

लंदन के प्रतिष्ठित अखबार *द स्टैंडर्ड* के अनुसार, अन्य दक्षिण कोरियाई डिजिटल नारीवादी आंदोलनों की तरह, 4B आंदोलन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसके सदस्य खुद को “अनाम महिला(Unnamed women)” कहकर संबोधित करते हैं। यह मंच महिलाओं को पुरुषों के बिना जीवन की कल्पना करने, चर्चा करने और अपनी चिंताओं को व्यक्त करने का अवसर देता है। इसका मूल कारण यह है कि बच्चों की देखभाल और घर के कामों के साथ-साथ बुजुर्गों की देखभाल की ज़िम्मेदारी आमतौर पर महिलाओं के कंधों पर होती है. लेकिन, बढ़ती महंगाई के साथ, महिलाओं के पास घर से बाहर काम करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं होता. मतलब, उनकी ज़िम्मेदारियां दोगुनी हो जाती है।

इस आंदोलन से जुड़ी महिलाएं बच्चा पैदा करना नहीं चाहती हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि दक्षिण कोरिया में जन्म दर में तेज़ी से गिरावट जारी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक़, 2023 में देश में कुल जन्म दर 0.8 प्रतिशत घटी है. ऐसे में दक्षिण कोरिया में कम जन्म दर को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया गया है।

4B Movement का व्यापक प्रभाव…

4B Movement ने कोरियाई महिलाओं के लिए एक आश्रय प्रदान की है लेकिन यह “अस्पष्ट है कि यह कितना व्यापक और लोकप्रिय है। धीरे-धीरे आंदोलन अन्य देशों में फैल रहा है इसका ताजा उदाहरण अमेरिका में B4 Movement है।यह आंदोलन स्वतःस्फूर्त है। इसका कोई नेता नहीं है, कोई आधिकारिक वेबसाइट नहीं है, न ही कोई मुख्यालय है”।इसके सदस्यों की संख्या 50,00 से लेकर 5,0000 तक भी हो सकती है।

BE Movement

किसी भी सामाजिक आंदोलन की तरह, 4B Movement में कई तरह के मतभेद हैं।लंदन विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर और “डिस्ग्रेस: ​​ग्लोबल रिफ्लेक्शंस ऑन सेक्सुअल वायलेंस” की लेखिका जोआना बोरके ने कहा कि-सदस्य इस बात पर असहमत हैं कि क्या 4B महिलाएँ पुरुषों के साथ दोस्त हो सकती हैं या उन महिलाओं के साथ जो अभी भी पुरुषों के साथ डेट करना चाहती हैं।आंदोलन द्वारा ट्रांस महिलाओं को बाहर रखे जाने पर चिंताएँ भी हैं व्यक्त की गई हैं।

इस आंदोलन ने दक्षिण कोरिया में व्यापक प्रभाव उत्पन्न किया है। अल जज़ीरा ने कहा, एक स्थानीय राजनेता ने हाल ही में पुरुषों की आत्महत्या के प्रयासों में वृद्धि को “महिलाओं के कार्यबल में होने” से जोड़ने की कोशिश की।

अमेरिका में B4 Movement

USA Today की ईशा शर्मा ने कहा 4B आंदोलन “एक विरोध के रूप में शुरू हुआ, लेकिन पश्चिमी मीडिया द्वारा इसे”सनसनीखेज” की तरह दिखाया गया जिसके बाद यह एक वैश्विक स्वरूप में बदल गया है।
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद वहां की महिलाओं को उनके राष्ट्रपति बनना पसंद नहीं आ रहा है इसको लेकर वहाँ की महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं और ये महिलाएं ट्रम्प की जीत के लिए पुरुषों को दोषी ठहरा रही हैं।धीरे-धीरे महिलाएं B4 movement सहभागिता बकर रही हैं। हालिया दिनों में B4 movement Us Women ट्रेंड कर रहा है।आंदोलन में शामिल महिलाओं को कहना है कि ट्रंप महिला विरोधी हैं और वह गर्भवती का संवैधानिक अधिकार खत्म करने के समर्थक भी हैं।

Protest against donald trump

अमेरिका में महिलाएं इस बात को लेकर खासा नाराज़ हैं ट्रंप महिलाओं के प्रजनन के अधिकारों का सम्मान नहीं करते हैं और उसे लेकर धमकियां देते हैं। ऐसे व्यक्ति का राष्ट्रपति चुना अमेरिकी महिलाओं को रास नहीं आ रहा है इसको लेकर वह अमेरिकी युवाओं से बहुत नाराज हैं। चुनाव के दौरान भी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिश ट्रंप की नारी विरोधी मानसिकता का खूब प्रचार किया था।महिलाएं सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर विरोध जता रहीं हैं।

 


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