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“असतो मा सद्गमय"

विश्व पृथ्वी दिवस पर प्रकृति मंथन कार्यक्रम

Byjanjankikhabar.com

Apr 23, 2024

विश्व पृथ्वी दिवस पर प्रकृति मंथन कार्यक्र
*प्रकृति के प्रति आदर का भाव ही प्रदूषण रूपी संकट से मुक्ति का मार्ग*
दिनांक 22/4/ 2024 को समय दोपहर 1:00 बजे आर्य महिला नागरमल मुरारका मॉडल स्कूल वाराणसी के सभागार में *विश्व पृथ्वी दिवस* पर कॉलेज की प्रबंध निर्देशिका, श्रीमती पूजा दीक्षित डा. मनीष त्रिपाठी (आरोग्य भारती) एवं विद्यालय की प्रधानाचार्य की उपस्थिति में मंथन कार्यक्रम संपन्न हुआ *पर्यावरण बलिदानीअमृता देवी पर विषय रखते हुए *श्रीमान कृष्णमोहन जी (प्रांत संयोजक पर्यावरण संरक्षण गतिविधि काशी प्रांत*) ने कहा कि अमृता देवी का बलिदान हमें अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है। अमृता देवी ने जिनकी आयु मात्र 42 वर्ष थी 1730 में हरे पेड़ों को बचाने के लिए (अपने सहित अपने तीन पुत्रियों जिनकी आयु 8 ,10 और 12 वर्ष की थीं ) सिर को कटवा दिया था और उनका अनुसरण करते हुए 363 लोग बलिदान हुए थे हरे पेड़ों को बचाने के लिए जिसमें 71 नारी शक्तियां थी विश्व पर्यावरण के इतिहास में इतना बड़ा बलिदान आज तक नहीं हुआ है यह संपूर्ण नारी जगत ही नहीं तो मानव जाति के लिए गौरव की बात है कि हमारे पूर्वजों ने हमारे भलाई के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। वायु प्रदूषण से मुक्ति पृथ्वी पर हरियाली बढ़ने से ही मिलेगी।

डा. मनीष त्रिपाठी जी आरोग्य (भारती काशी प्रांत) ने कहा कि *विश्व पृथ्वी दिवस के इस वर्ष का थीम है ,ग्रह बनाम प्लास्टिक।* अतःपृथ्वी दिवस पर पर्यावरण प्रदूषण और उसको खतरा पहुंचाने वाली चीजों, वनों की कटाई पर रोकथाम, पृथ्वी ग्रह की पारिस्थितिकी तंत्र की मरम्मत और उपचार, जलवायु परिवर्तन से निपटने और जैव विविधता को संरक्षित करने हेतु जागरूकता कार्यक्रम अधिक से अधिक चलने की आवश्यकता है। आगे डा. मनीष त्रिपाठी जी ने कहा कि हम अपने जीवन को जरूरत पर चला करके भी प्रकृति का संरक्षण कर सकते हैं।आइए ,धरती को सुरक्षित बनाने की शुरुआत हम अपने घर से करें । जहां तक संभव हो कम से कम प्लास्टिक का प्रयोग करें। क्योंकि प्लास्टिक को भूमि पर फेंकते ही जल, जंगल, जमीन,जंतु, जन के लिए संकट खड़ा हो जाता है। डा.मनीष त्रिपाठी जी ने घोषणा की *ईकोब्रिक्स बनाएंगे, पर्यावरण बचाएंगे* अभियान में सम्मिलित होने वाली छात्राओं को पुरस्कृत किया जाएगा
*विद्यालय की प्रबंध निर्देशिका श्रीमती पूजा दीक्षित जी ने कहा कि* हमारे पूर्वजों में भूमि को माता कहा है, इसलिए हमें अपने घर के साथ-साथ मोहल्ले की स्वच्छता पर भी ध्यान देना होगा। *स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत। *पूजा दीक्षित जी ने आगे कहा कि हम सभी शिव की नगरी के निवासी हैं भगवान शिव को हरियाली प्रिय है, जल प्रिय है, स्वच्छता प्रिय है, अतः शिव की कृपा के लिए हरियाली को नष्ट न करें, जल का दुरुपयोग न करें, जल के स्रोत को गंदा न करें, अपने मोहल्ले में स्वच्छता को बढ़ावा दें। जल बचने से पृथ्वी बचेगा, हरियाली बचने/बढ़ने से, पृथ्वी बचेगा इसलिए हम सब पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए अपना जीवन प्रकृति मुखी बनाने का संकल्प लें।
*भारत माता की जय*


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